| 1. | ये दोनो गामा किरणे दो विपरित दिशाओ मे प्रवाहित होती है क्योंकि ऊर्जा तथा संवेग का संरक्षण आवश्यक है।
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| 2. | ये दोनो गामा किरणे दो विपरित दिशाओ मे प्रवाहित होती है क्योंकि ऊर्जा तथा संवेग का संरक्षण आवश्यक है।
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| 3. | गामा किरणे जो कि ऊर्जा का अन्य रूप हैं लोहे की मोटी चादरों को भी आसानी से भेद देती हैं।
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| 4. | गामा किरणे अत्याधिक ऊर्जा वाली होती है और हर वस्तु को जला कर राख कर देंने की क्षमता रखती है!
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| 5. | गामा किरणे जो कि ऊर्जा का अन्य रूप हैं लोहे की मोटी चादरों को भी आसानी से भेद देती हैं।
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| 6. | गामा किरणे अत्याधिक ऊर्जा वाली होती है और हर वस्तु को जला कर राख कर देंने की क्षमता रखती है!
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| 7. | उदाहरण के लिए एक इलेक्ट्रान तथा पाजीट्रान (प्रति इलेक्ट्रान) के टकराने से ५११ इलेक्ट्रान वोल्ट की दो गामा किरणे उत्पन्न होती है।
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| 8. | वस्तुत: सभी विद्युतचुम्बकीय तरंगों (जैसे रेडियो तरंगें, गामा किरणे, प्रकाश आदि) का वेग इतना ही होता है।
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| 9. | उदाहरण के लिए एक इलेक्ट्रान तथा पाजीट्रान (प्रति इलेक्ट्रान) के टकराने से ५ ११ इलेक्ट्रान वोल्ट की दो गामा किरणे उत्पन्न होती है।
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| 10. | यह प्रक्रिया अप्रकाशिय किरणो (गामा किरणे, क्ष किरणे, पराबैगनी किरणे) के लिये भी लागु होती है और इसी नाम से जानी जाती है।
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